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अपराधियों पर अंकुश लगाने का कार्य पूरी ताकत से किया जाएगा: शिवराज

भोपाल, 11 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगाने का कार्य पूरी ताकत से किया जाएगा।
श्री चौहान आज यहां मिंटो हॉल में प्रदेश स्तरीय सम्मान अभियान का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों को कानून के राज का एहसास करवाया जाएगा। गत 08 माह में अपराधियों के विरूद्ध की जा रही सख्त कार्यवाही का परिणाम है कि विभिन्न तरह के अपराधों में 15 से लेकर 50 प्रतिशत तक की कमी आयी है। बालिकाओं और महिलाओं से जुड़े अपराधों में लिप्त लोग नरपिशाच हैं। उन्हें किसी भी स्थिति में न छोड़ा जाए। बलात्कारियों को तो फाँसी ही मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबालिग के साथ घटित अपराधों में वर्ष 2020 में भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और नरसिंहपुर में 05 अपराधियों को मृत्युदण्ड से दण्डित किया गया। गत 09 माह में प्रदेश में बलात्कार के प्रकरणों में 19 प्रतिशत, अपहरण एवं व्यपहर के प्रकरणों में 23 प्रतिशत, भ्रूण हत्या में 20 प्रतिशत, छेड़छाड़ और लज्जाभंग से संबंधित अपराधों में 14 प्रतिशत की कमी आयी है।
बलात्कार के प्रकरणों के निराकरण के लिए दो माह की समयावधि में वर्ष 2020 में प्रथम छमाही में हुआ निराकरण प्रतिशत 44 था, जो द्वितीय छमाही (जुलाई से दिसम्बर) में 65 प्रतिशत हो गया है। यौन अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही कर भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, धार और मुरैना जिलों में ऐसे अपराधियों की 23 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति कब्जे से मुक्त कराई गई। इसके साथ ही इनके विरूद्ध एन.एस.ए, जिलाबदर आदि की कार्यवाही भी की गई।
कार्यक्रम में प्रदेश में गुम बालिकाओं के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई है। अपहृत बच्चे की बरामदगी के लिए चैकलिस्ट के अनुसार कार्यवाही होगी। परिजनों को एक रिकार्ड पत्र दिया जाएगा जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना का विस्तृत विवरण होगा। अधिकार पत्र में जानकारी रहेगी कि कितने दिनों में क्या-क्या कार्यवाही की गई है। इस व्यवस्था में अब अपहृत होने वाले बच्चे के परिजन के साथ प्रत्येक 15 दिन में थाना प्रभारी और प्रत्येक 30 दिन में एसडीओपी केस डायरी के साथ बैठेंगे।
कार्यक्रम में गृह विभाग के साथ ही अभियान में सहयोगी महिला एवं बाल विकास और जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 06 साहसी नागरिकों को उनके जिलों के कलेक्टर, एसपी के माध्यम से प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए। इन नागरिकों द्वारा विभिन्न अपराधियों को पकड़वाने में भूमिका निभाई गयी।
श्री चौहान ने कहा कि जो बच्चियां लापता हो गई हैं उन प्रकरणों की समीक्षा सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक करेंगे। इसके पश्चात क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक जोन स्तर की समीक्षा करेंगे। प्रदेश के सभी पुलिस जोन में सम्पन्न समीक्षा के पश्चात पुलिस महानिदेशक द्वारा एकत्र जानकारी की समीक्षा की जाएगी। जनसुनवाई में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में गायब हुए बच्चों के परिजन को प्राथमिकता से सुना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र कानून अध्यादेश से किसी भी बेटी को डराकर-धमकाकर या प्रलोभन देकर साथ ले जाने या विवाह करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक के कारावास और अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। कुछ मामलों में बच्चियों को अन्य प्रदेशों से लाने में सफलता भी मिली है। प्रदेश से गायब हुई बेटियों को वापिस उनके अभिभावकों तक पहुंचाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कन्याओं के जन्म से लेकर उनके शिक्षण और कन्यादान तक की व्यवस्था सरकार ने की। सर्वांगीण सशक्तीकरण के अंतर्गत उन्हें सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक सशक्तीकरण का लाभ दिलवाया जा रहा है। स्व-सहायता समूहों को जनआंदोलन का रूप दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में बालिकाओं और महिलाओं के विरूद्ध अपराधों को सहन नहीं किया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि आज प्रारंभ सम्मान अभियान के चार प्रमुख अंग होंगे। इस 15 दिवसीय अभियान में महिला अपराधों के विरूद्ध सामाजिक जनचेतना, महिला सुरक्षा, और सम्मान से संबंधित विषय पर प्रतियोगिताएं सम्पन्न करवाना और सायबर सुरक्षा शामिल हैं। अभियान की शुभंकर गुड्डी एक 16 वर्षीय जागरूक बालिका है जो अपने अधिकारों के प्रति सजग है। उन्होंने अभियान के प्रतीक शुभंकर और पुस्तिका सम्मान का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने जिलों को निर्देश दिए कि वे ऐसे हॉट स्पॉट चिन्हित करें जहाँ बालिकाओं या महिलाओं से संबंधित अपराधिक घटनाएं होती हैं। भोपाल पुलिस द्वारा इस दिशा में की गई पहल सराहनीय है। अन्य जिले भी इस तरह के कदम उठाएं।
श्री चौहान ने कार्यक्रम में सागर की श्रीबाई, छिंदवाड़ा के रोशनलाल विश्वकर्मा, सतना की मुन्नीबाई कौल, भोपाल के मनोज गायकवाड़ और रायसेन के मधुसुदन दुबे और भवानी‍ सिंह को असली हीरो सम्मान से सम्मानित किया गया। इन सभी ने बालिकाओं और महिलाओं को अपराधों से बचाने और अपराध होने के बाद दोषी लोगों के विरूद्ध पुलिस को सूचित कर पकड़वाने में मदद की।
कार्यक्रम में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाया गया है। अब महिला अपराधों में कमी आ रही है। पंचायतों, नगरीय निकायों, शिक्षण संस्थानों और पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी से उनकी शक्ति बढ़ी है। विकृत मानसिकता वाले लोगों के विरूद्ध निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी संस्कृति नारियों के सम्मान को प्रमुखता देती हैं।
मुख्यमंत्री ने सम्मान अभियान के कार्यक्रम की शुरूआत कन्याओं के पूजन से की। पारम्परिक स्वागत से हटकर मुख्यमंत्री और अतिथियों का तुलसी के पौधों से स्वागत किया गया। मध्यप्रदेश गान को पुलिस बैंड दल ने मोहक अंदाज में प्रस्तुत किया। प्रारंभ में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने जागरूकता अभियान सम्मान की रूपरेखा प्रस्तुत की। कलेक्टर भोपाल ने सेफ सिटी प्रजेंटेशन दिया।
बघेल
वार्ता
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