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मध्यप्रदेश विस राज्यपाल अभिभाषण दो अंतिम भोपाल

श्रीमती पटेल ने कहा कि जहां सरकार के समक्ष कोरोना से निपटने की चुनौती थी, तो अर्थव्यवस्था को पटरी पर बनाए रखना भी जरुरी था। इसके अलावा लॉकडाउन के कारण प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों को सुरक्षित ढंग से अपने अपने घर और स्थान पर पहुंचाना भी चुनौतीपूर्ण कार्य था। लेकिन हमारी सरकार और प्रशासन ने संयम और मजबूती से कदम उठाए और धीरे धीरे सभी कामों को बेहतर ढंग से पूर्ण किया गया।
उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना लागू कर 01 लाख 55 हजार श्रमिकों के खातों में 15 करोड़ रुपयों से अधिक की राशि अंतरित की गयी। इस दौरान कोरोना से संघर्ष के दौरान शहीद हुए 26 कोरोना योद्धाओं के परिवारों को 13 करोड़ रुपयों की राशि प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने कोरोना संकटकाल में मुश्किल को मुमकिन में बदलने का मंत्र 'आत्मनिर्भरता' का दिया। इसी से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना पर तेजी से कार्य शुरू किया गया। इस दिशा में भी राज्य ने रोडमैप बना लिया और उसके लक्ष्य के अनुरूप कार्य किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार की ओर से इस दौरान माफियाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान का जिक्र करते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि एक अप्रैल 2020 से चलाए गए अभियान के तहत लगभग 1500 भूमाफियाओं से 3300 एकड़ सरकारी भूमि मुक्त करायी गयी। इस भूमि की कीमत 8800 करोड़ रुपए आकी गयी है। इसी तरह चिटफंड कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाया गया। मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की गयी।
उन्होंने बताया कि राज्य में डरा धमकाकर और प्रलोभर देकर विवाह और धर्मांतरण रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 लागू किया गया। राज्य में विभिन्न स्थानों से अपहृत 9500 से अधिक बेटियों को मुक्त कराया गया। उन्होंने सुशासन, कृषि, बिजली, ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं और उपलब्धियों का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार की प्राथमिकता रोजगार के नए अवसर मुहैया कराना भी है। इस दिशा में भी तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।
श्रीमती पटेल ने नगरीय विकास, पर्यटन, चिकित्सा शिक्षा, बालिका कल्याण, गौसंरक्षण और अन्य क्षेत्रों में भी किए जा रहे कार्यों का जिक्र किया और भविष्य की योजनाओं की ओर संकेत किए। उन्होंने बताया कि राज्य में निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन के लिए एक हजार गौशालाएं बनायी जा रही हैं, जिनमें से 905 का संचालन प्रारंभ हो गया है। जलस्त्रोत के संरक्षण, संवर्धन और विस्तार के कार्य भी जारी है।
राज्यपाल ने ग्वालियर चंबल अंचल की अटल चंबल प्रोग्रेस वे जैसी महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि श्याेपुर, मुरैना और भिंड जिले से होकर यह मार्ग निकलेगा। इसके आसपास औद्योगिक विकास के लिए पांच औद्योगिक केंद्र विकसित करने की योजना है। इसके अलावा नर्मदा एक्सप्रेस वे भी बनाया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि आधारित क्षेत्र की विकसित करने की योजनाओं के बारे में भी उन्होंने बताया। उन्होंने अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति और जनजाति तथा अन्य पिछडा वर्ग के लोगों से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी बताया।
प्रशांत
वार्ता
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