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किसान और खेती देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के हैं आधार- कमल पटेल

होशंगाबाद,28 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसान और खेती सशक्त राष्ट्र और सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के आधार हैं। किसान मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा।
श्री पटेल ने आज यहाँ पवारखेड़ा में आयोजित मध्यप्रदेश ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित हैं। सरकार के संकल्प को आपके सहयोग से ही पूरा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून बनाए गए हैं। सरकार ने नीतियों और नियमों में परिवर्तन किए हैं। चना, मसूर एवं सरसों अब गेहूँ के साथ खरीदा जाएगा, जिसका सीधा लाभ लघु एवं सीमांत किसानों को मिलेगा। किसानों की आय को दोगुना करने और खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निरंतर सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर किसानों की फसल लागत में 50प्रतिशत लाभ जोड़कर समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। इससे समर्थन मूल्य में निरंतर वृद्धि हो रही हैं। समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की उपज प्रतिदिन 25 क्विंटल खरीदे जाने की सीमा को समाप्त कर दिया गया हैं। अब किसान अपनी उपार्जन क्षमता अनुसार अपनी चना, मसूर एवं सरसों की फसल बेच सकेंगे, जिससे किसानों के धन और समय दोनों की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के माध्यम से अब किसानों को गाँव की आबादी की भूमि पर मालिकाना हक प्राप्त होगा। योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हरदा एवं डिंडोरी जिले में लिया गया है। आने वाले समय में सभी जिलों में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर बैंको से विभिन्न व्यवसायिक एवं व्यापारिक प्रयोजन के लिए किफायती ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे। साथी ही व्यापार, व्यवसाय एवं उद्योग स्थापित कर अपनी आलू, प्याज, टमाटर आदि उत्पादों का प्र-संस्करण कर एमएसपी की जगह एमआरपी पर बेच सकेंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि नरवाई से कोयला बनाया जाएगा। इसका पायलेट प्रोजेक्ट होशंगाबाद में प्रारंभ होगा। नरवाई से कोयला बनने पर जहाँ एक ओर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
विश्वकर्मा
वार्ता
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