राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Mar 1 2021 10:33PM सीधी बस हादसे पर सदन में स्थगन प्रस्ताव के तहत हुई चर्चाभोपाल, 01 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने आज विधानसभा में कहा कि सरकार सीधी बस दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को बीमा दावे की राशि दिलवाने के लिए वकील उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास करेगी। श्री राजपूत ने कांग्रेस सदस्यों की ओर से 16 फरवरी को सीधी बस दुर्घटना के संबंध में लाये गये स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर दिया। चर्चा में शामिल विपक्षी सदस्यों ने हादसे के मामले में परिवहन विभाग और मंत्री को निशाने पर लेते हुए उन्हें जिम्मेदार बताया। चर्चा का उत्तर देते हुए श्री राजपूत ने कहा कि दुर्घटना तो दुर्घटना होती है,जिसे रोका नही जा सकता लेकिन, मध्यप्रदेश सरकार का प्रयास होगा कि ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। श्री राजपूत ने चर्चा में अनेक विधायकों द्वारा भविष्य में परीक्षा केंद्र जिला स्तर पर ही बनाये जाने की मांग पर आश्वस्त किया कि वे शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करेंगे, क्योंकि दुर्घटना के दौरान यात्री बस में अधिकांशतः ए.एन.एम के परीक्षार्थी सवार थे, जिनकी नहर में बस डूबने से मृत्यु हुई। श्री राजपूत ने सदन को बताया कि संभागायुक्त रीवा द्वारा उक्त बस दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के लिए अपर कलेक्टर एवं अपर जिला दण्डाधिकारी को आदेश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि बस दुघर्टना की सूचना मिलते ही सबसे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री को इस ह्रदय विदारक घटना से अवगत कराया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें परिवहन मंत्री होने के नाते मंत्रालय में उपस्थित रहकर घटना से संबंधित व्यवस्थाएँ करने के लिये कहा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा तत्काल मदद के रूप में प्रभावित परिवारों को प्रत्येक मृतक की अंत्येष्टि के लिये 10 हजार रुपये एवं शवों को गंतव्य तक ले जाने के लिये शासकीय वाहन उपलब्ध कराये गये। इसके अलावा 47 मृतकों के परिवारजनों को 7-7 लाख रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई। शेष परिवारों के दावेदारों की जाँच की जा रही है।श्री राजपूत ने कहा कि परिवहन एवं पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2019 एवं 2020 में बिना परमिट, ओव्हरलोड, अनफिट एवं निर्धारित गति से तेज चलने वाली बसों पर क्रमशः 12 हजार 397 वाहनों एवं 3399 वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। इस वर्ष 24 फरवरी, 2021 तक 1066 वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की गई, जिस पर 3 करोड़ 60 लाख रुपये जुर्माना वसूल किया गया। श्री राजपूत ने कहा कि दुर्घटना में जो कार्यवाही की गई, वह पर्याप्त है। धारा 279, 337, 304ए भारतीय दण्ड विधान का अपराध दर्ज किया गया, बाद में 304 आईपीसी बढ़ाई गई। आरोपी चालक को गिरफ्तार किया गया तथा वाहन स्वामी कमलेश्वर सिंह परिहार को भी आरोपी बनाया गया है। प्रशांतवार्ता