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कोरोना उपचार में काम आने वाली दवाओं की कालाबाजारी को रोका जाएगा

मुरैना, 04 मई (वार्ता ) मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाओं और उपकरणों की मेडिकल स्टोर्स के संचालकों द्वारा की जा रही कालाबाजारी को रोका जाएगा।
सूत्रों के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों के लिये चिकित्सक आवश्यक दवाएं और इस बीमारी की जांच में काम आने वाले उपकरण पर्चे में लिखते हैं, तो मरीज का अटेंडर जिले के मेडिकल स्टोर्स पर दवाएं नहीं मिलती है। लेकिन उसे वहीं दवाएं एवं उपकरण मेडिकल स्टोर्स के दलालों के माध्यम दुगनी कीमत पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
बताया गया है कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर ने कोरेाना संबंधी कई दवाओं और उपकरणों के स्टाक को प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। अब ये दवाएं अस्पताल के सह अधीक्षक की मांग पर ही मरीज को उपलब्ध होती हैं। इसके चलते आक्सीमीटर, थर्मल गन, निबोलाइजर, एजी थ्रोमैसीन, लिम्सी, फेविफ्लू और जिनकोबिट जैसी दवाएं भी बाजार से गायब हैं, जिन्हें मरीजों के अटेंडरों को अधिक कीमत पर खरीदना पड़ रहा है।
इस संबंध में औषधि निरीक्षक देशराज सिंह ने बताया कि उपकरणों की कालाबाजारी की सूचना मिलते ही हम कार्यवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि बाजार में जिन दवाओं की कमी हैं,उसके लिये शासन को पत्र लिखा गया है। मरीजों को उचित कीमत पर ही सभी आवश्यक दवाएं और उपकरण बाजार में उपलब्ध करने के लिए कालाबाजारी करने वाले मेडीकल स्टोर्स पर छापामार कार्रवाई की जा रही है।
सं विश्वकर्मा
वार्ता
सं विश्वकर्मा
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