राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 24 2021 10:34AM पहाड़ पर रहने वाली गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गयाबड़वानी, 24 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे 'मिशन उम्मीद' के तहत पाटी विकासखंड के दुर्गम पहाड़ पर रहने वाली गर्भवती महिला को झोली की मदद से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की देखरेख में उपयुक्त स्थान पर लाने के उपरांत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाकर सुरक्षित प्रसव कराया गया।जिले के पाटी विकासखंड की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुनीता मुजाल्दे के माध्यम से कल गर्भवती महिला जगी लक्ष्मण को देवगढ़ के दुर्गम पहाड़ी रास्तों में झोली (स्थानीय स्ट्रेचर) से जननी वाहन तक पहुंचा कर उसे बोकराटा के स्वास्थ्य केंद्र में लाकर सुरक्षित प्रसव कराया गया। यहां उसने 2.7 किलोग्राम वजनी पुत्री को जन्म दिया। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुनीता मुजाल्दे को 26 जनवरी के राष्ट्रीय पर्व पर सम्मानित कराने की घोषणा की गई है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार आदिवासी बहुल जिले में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा के निर्देशन में संचालित मिशन उम्मीद के तहत कई गर्भवती महिलाओं को दुर्गम क्षेत्रों से जननी वाहन के माध्यम से शासकीय अस्पताल में भेजकर सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता मिली है। साथ ही संस्थागत प्रसव पर ध्यान केंद्रित करने के चलते जच्चा बच्चा मृत्यु दर में भी कमी होने का दावा किया गया है।जिला कलेक्टर ने बताया कि बड़वानी जिले में ऐसे कई दुर्गम क्षेत्र हैं, जहां वाहन तो दूर पैदल चलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टेढ़ी मेढ़ी पगडंडियों से पहाड़ों पर दूर-दूर बनी झोपड़ियों में पहुंचने के लिए पैदल के अलावा कोई माध्यम नहीं है।ऐसी परिस्थितियों के मद्देनजर ही मिशन उम्मीद आरंभ कराया गया, जिसमें दुर्गम पहाड़ों के रहवासियों की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने के लिए स्थानीय स्तर पर निर्मित स्ट्रेचर (झोली) से पहुंच मार्ग तक लाया जाता है। इसके उपरांत वहां पूर्व सूचना के आधार पर खड़े जननी वाहन या किसी चार पहिया वाहन के माध्यम से नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है।अगर गर्भवती महिला किसी प्राइवेट वाहन से स्वास्थ्य केंद्र पहुंचती है, तो वाहन मालिक को निर्धारित आने जाने का किराया प्रशासन द्वारा दिया जाता है।जिला कलेक्टर ने बताया कि पूरे बड़वानी जिले में ऐसे करीब 375 दुर्गम मार्ग चिन्हित किये गये हैं, जहां वाहनों का पहुंचना मुश्किल है। यहां वन विभाग से समन्वय कर शासन स्तर की अनुमति लेने के उपरांत मनरेगा के तहत सड़कें निर्मित कराई जाएंगी।बड़वानी जिले में कई गर्भवती महिलाओं को झोली से दुर्गम रास्तों से लाकर प्रसव कराया जाता है। कई बार इस प्रक्रिया में जच्चा बच्चा दोनों की जान पर भी बन जाती है।सं प्रशांतवार्ता