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प्रवासियों की वापसी के लिये कितनी ट्रेनें चलाई गई-न्यायालय

नैनीताल, 18 मई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस लाने के मामले में किये जा रहे भेदभाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को केन्द्र सरकार से पूछा है कि प्रवासियों को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं और कितनी रेलगाड़ी चलाई गई हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ ने धनोल्टी के विधायक प्रीतम सिंह पंवार की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिये हैं। सरकार की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया कि राज्य में 60 हजार से अधिक प्रवासियों को वापस लाया गया है। लोगों को लाने का सिलसिला जारी है।
श्री पंवार ने याचिका में कहा कि लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड के अनेक श्रमिक, पर्यटक, तीर्थ यात्री, छात्र तथा अन्य तमाम लोग विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि राज्य सरकार प्रवासियों को लाने में भेदभाव कर रही है। केन्द्र की छूट के बावजूद प्रदेश सरकार प्रवासियों को लाने में चुस्ती नहीं दिखा रही है। लगभग दो लाख लोगों ने अपने घर वापस आने के लिये पंजीकरण कराया है।
मामले में अगली सुनवाई 21 मई को होगी।
सं राम
वार्ता
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