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एेलनाबाद : त्रिकोणीय मुकाबले में अभय पर चौटाला परिवार की परंपरागत सीट बचाने की चुनौती

सिरसा, 16 अक्तूबर (वार्ता) हरियाणा के सिरसा जिले में राजस्थान छोर से सटती ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल प्रत्याशी अभय चौटाला पर परिवार की परंपरागत सीट बचाने की चुनौती है।
एेलनाबाद पर चौधरी देवीलाल परिवार का ही कब्जा रहा है। चौटाला परिवार में दोफाड़ होने और अजय चौटाला गुट के जननायक जनता पार्टी बनाने की पृष्ठभूमि में अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे इनेलो के लिए राहत की बात यही है कि समूचे प्रदेश में ऐलनाबाद सीट ही एक ऐसी सीट है जिसे इनेलो के खाते में गिना जा रहा है। सीट पर निवर्तमान विधायक अभय सिंह चौटाला तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।
हरियाणा बनने के बाद तेरह बार हुए चुनाव में दो बार कांग्रेस व एक बार विशाल हरियाणा पार्टी के उम्मीदवार विजयी हुए। सन् 1967 में अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर सबसे पहले चौधरी देवीलाल के मझंले पुत्र प्रताप सिंह चौटाला ने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता भागीराम व डा.सुशील इंदौरा व उसके बाद अभय सिंह चौटाला यहां से विधायक बनते चले आ रहे हैं। ओम प्रकाश चौटाला के वर्ष 2009 के आम चुनाव में उचाना व ऐलनाबाद दो विधानसभा सीट से एक साथ चुनाव लड़ने व विजयी होने के बाद उन्होंने ऐलनाबाद सीट से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद अभय सिंह चौटाला वर्ष 2010 में उप-चुनाव लड़े और कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल को हराकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद वर्ष 2014 में फिर दूसरी बार विधायक बने और अब फिर तीसरी पारी खेल रहे हैं।
इस वक्त ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में यूं तो कुल तेरह उम्मीदवार मैदान में हैं मगर मुख्यत: इनेलो के अभय चौटाला, कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल व भाजपा के पवन बेनीवाल के बीच ही मुकाबला बना हुआ है।
ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,80,730 मतदाता हैं जिनमें 96292 पुरूष व 83438 महिला मतदाता हैं। प्रदेश की जाट बहुल क्षेत्र की सीटों में से एक है। श्री चौटाला ने प्रदेश की अन्य सीटों की बजाय अपनी सीट पर ही सारा ध्यान फोक्स किया हुआ है। उनकी पत्नी कांता चौटाला, बेटे करण और अर्जुन भी दिन रात एक किए हुए है। इसके अलावा पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला भी चुनाव प्रचार कर चुके हैं।
इनेलो क्षेत्र में व्याप्त नशीले पदार्थों की तस्करी व टेल के प्यासे खेतों की बात कहकर सीधे तौर पर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को घेर रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल खुद को ठेठ ग्रामीण व किसान बताकर वोट की अपील कर रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी पवन बेनीवाल पिछले पांच वर्ष में हुए विकास कायों की दुहाई देकर मत की अपील कर रहे हैं।
मुख्य मुद्दे नशा व टेल के प्यासे खेतों के ही हैं। इस क्षेत्र के प्यासे खेतों को तर करने को लेकर कई किसान संगठन पिछले पांच वर्ष संघर्षरत रहे। क्षेत्र में फैले नशे के कारोबार का मुद्दा भी विधानसभा तक में गूंजा है। भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष निताशा सिहाग ने मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा में भी महिलाओं की एक बड़ी श्रंखला खड़ी कर नशे पर पांबदी की मांग उठाई।
भौगोलिक लिहाज से ऐलनाबाद की सीमा राजस्थान के हनुमानगढ़ से सटती हैं। सरहद के गावों में सिंचित व पेयजल दोनों की ही कमी चिंता का विषय है।
सं महेश विक्रम
वार्ता
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