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सीएए के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस और वामपंथी दल: सांपला

सीएए के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस और वामपंथी दल: सांपला

चंडीगढ़, 20 दिसम्बर(वार्ता) भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के पूर्व पंजाब प्रदेशाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने देश में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस और वामपंथी दलों का हाथ बताया है।

श्री सांपला ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक(सीएबी) का मुद्दा वर्ष 2003 में भी संसद में उठा था और वर्ष 2015 में भी संसद में आया तो विपक्ष के कहने पर ही इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को साैंपा गया था। जेपीसी में चर्चा के बाद ही पुन: संसद में पेश कर पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि जेपीसी में कांग्रेस समेत सभी दलों प्रतिनिधि थे। लेकिन अब जब यह विधेयक पारित होने के बाद कानून बन गया है तो कांग्रेस और वामपंथी दल इसका राजनीतिकरण कर और इसके विरोध में लोगों विशेषकर मुस्लिमों को भड़काने और गुमराह करने तथा देश को हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों का विरोध केवल इसलिये है कि इसका श्रेय मोदी और शाह मिलेगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे यहां रहे मुस्लिमों समेत किसी की नागरिकता छिनेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में धार्मिक कानून चलते हैं और वहां हिंदू, सिख, इसाई, जैन, पारसी आदि अल्पसंख्यक समुदायों का धार्मिक आधार पर उत्पीड़न होता है। इसलिये सीएए का उदेश्य ऐसे समुदायों के प्रताड़ित और विस्थापित लोगों को भारत में नागरिकता देना है। उन्होंने कहा कि इन देशों में एक समय अल्पसंख्यक करीब 30 प्रतिशत तक थे लेकिन अब इनकी संख्या डेढ़-दो प्रतिशत तक रह गयी हैं। इससे साफ है कि इन देशों में अल्पसंख्यकों काे प्रताड़ित कर इनका धर्म परिवर्तन कर दिया गया और कुछ वहां से पलायन कर गये। ऐसे लाखों लोग देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षों से शरण लिये हुये हैं ओर इन्हें नागरिकता नहीं मिल पा रही थी।

श्री सांपला ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) को लागू करने का वादा किया था और उसने इसे पूरा कर दिया है। उन्होंने विद्यार्थियों और अन्य आंदोलनकारियों से अपील की कि वे सार्वजनिक और निजी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के वजाय सीएए के प्रावधानों को समझें और तथा किसी के बहकावे में न आयें। उन्होंने कहा कि असहमति व्यक्त करने का सभी को अधिकार है लेकिन यह लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि सीएए न तो किसी धर्म के खिलाफ है, न ही इसके कारण किसी भी नागरिकता छिनेगी, न ही यह किसी धार्मिक समुदाय के साथ भेदभाव करता है और इससे किसी का कोई नुकसान है। सीएए का उदेश्य केवल उक्त देशों के प्रताड़ित लोगों को नागरिकता और संरक्षण प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सीएए से उक्त तीनों देशों विशेषकर पाकिस्तान से भारत में नागरिकता उम्मीद को लेकर शरण लिये लोगों के चेहरों पर खुशी है कि वे अब भारत के नागरिक बन सकेंगे।

राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कुछ अज्य राज्यों द्वारा अपने अपने यहां सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) लागू न करने सम्बंधी बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुये कहा कि उनका ऐसा रवैया मानवीयता को परिलक्षित नहीं करता। उन्होंने कहा कि सीएए संसद में पारित हुआ है तथा यह सभी राज्यों पर लागू होता है। इस मौके पर उनके साथ प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी और पाकिस्तान से पंजाब में शरण लिये अनेक परिवार भी मौजूद थे।

रमेश1705वार्ता

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