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एचएयू वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सरसों की बिजाई, खेत को तैयार करते समय रखें उचित नमी

एचएयू वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सरसों की बिजाई, खेत को तैयार करते समय रखें उचित नमी

हिसार, 19 अक्टूबर (वार्ता) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सरसों की बुवाई मौसम को ध्यान में रखते हुये करने की सलाह दी है।

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. रामनिवास ढांडा ने किसानों से कहा है कि किसान बिजाई से पूर्व मौसम के मद्देनजर खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें। सरसों रबी में उगाई जाने वाली फसलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। हरियाणा में सरसों मुख्य रूप से रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, हिसार, सिरसा, भिवानी व मेवात जिलों में बोई जाती है। किसान सरसों उगाकर कम खर्च में अधिक लाभ कमा रहे हैं।

डॉ. ढांडा ने कहा कि सरसों की फसल की बुआई का समय 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होता है, लेकिन बावजूद इसके अगर किसी कारणवश किसान बिजाई नहीं कर पाए तो भी वे 10 नवंबर तक उचित किस्मों के चुनाव के साथ इसकी बिजाई कर सकते हैं। सरसों की पछेती बिजाई के लिए आरएच-9801 व आरएच-30 की बिजाई कर सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों की पालना जरूरी है ताकि फसल से अच्छी पैदावार हासिल की जा सके। उन्होंने बताया कि बिजाई के समय खेत अच्छी प्रकार से तैयार करते हुए उचित नमी रखें।

कृषि महाविद्यालय के आनुवांशिकी एवं पौध प्रजन विभाग के अध्यक्ष डॉ. एस.के. पाहुजा के अनुसार समय पर बिजाई के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्में आरएच 725, आरएच 0749, आरएच 30 सर्वोत्तम हैं जिसकी सिंचित क्षेत्र के लिए 1.5 किलोग्राम बीज प्रति एकड़, बारानी क्षेत्रों के लिए 2 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज डालना चाहिए। बिजाई से पूर्व बीज को 2ग्राम कार्बेंडिज्म प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से सूखा उपचार अवश्य करें। पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर व कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर रखें। इसके अलावा उन्नत किस्मों आरएच 725 व आरएच 749 में कतार से कतार की दूरी 45 सेंटीमीटर तक भी रखी जा सकती है।

सरसों के वैज्ञानिक डॉ. रामअवतार ने बताया कि खेत तैयार करते समय 6 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट प्रति एकड़ डालना चाहिए और सिंचित क्षेत्रों में 35 किलोग्राम डीएपी व 25 किलोग्राम यूरिया तथा 10 किलोग्राम जि़ंकसल्फेट या 70 किलोग्राम यूरिया व 75किलोग्राम सिंगल सुपरफ़ास्फेट का प्रयोग करना चाहिए। इसमें यूरिया की आधी मात्रा बिजाई के समय व आधी यूरिया पहली सिंचाई पर तथा अन्य खाद बिजाई के समय डालें जबकि बारानी क्षेत्रों में 35 किलोग्राम यूरिया, 75किलोग्राम सिंगल सुपरफास्फेट बिजाई के समय डालें।

सं शर्मा

वार्ता

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