लखनऊ 15 मार्च (वार्ता) लोक सभा आम चुनाव में मतदान के लिए ‘फोटो मतदाता पर्ची’ के दुरूपयोग की शिकायत के मद्देनजर चुनाव आयोग ने इसे पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं करने का निर्णय लिया है।
राज्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि फोटो मतदाता पर्ची को पहचान पत्र के रुप में नहीं माना जायेगा। हालांकि इसे तैयार करना जारी रखा जाएगा और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास के एक हिस्से के रूप में मतदाताओं को जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मतदाताओं को मतदान के लिए वोटर आई कार्ड के अलावा निर्वाचन आयोग द्वारा निर्दिष्ट वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक पहचान पत्र अवश्य लाना होगा।
उन्होंने कहा कि इन वैकल्पिक पहचान पत्रों में पासपोर्ट,ड्राइविंग लाइसेन्स, सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों एवं डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जाबकार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, सांसदों, विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों को जारी सरकारी पहचान पत्र तथा आधार कार्ड शामिल हैं।
त्यागी
वार्ता