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शिवराज ने किया 'नेशनलिस्ट्स सोशल मीडिया कांक्लेव' का उद्घाटन

शिवराज ने किया 'नेशनलिस्ट्स सोशल मीडिया कांक्लेव' का उद्घाटन

उज्जैन, 28 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि जब पश्चिम के तथाकथित विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे ऋषि-मुनियों ने वेदों की ऋचाएँ रच दी थीं।

श्री चौहान यहां 'नेशनलिस्ट्स सोशल मीडिया कांक्लेव' के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को नर्मदा जयंती की शुभकामनाएं भी दीं।

सोशल मीडिया के संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया से नई क्रांति उत्पन्न हुई है। किसी भी विचार को प्रसारित करना हो, समर्थन अथवा राय बनानी हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से यह सब हो रहा है। उन्होंने कहा 'मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना और एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति।' हर विचार का आदर भारत की धरती ने किया है।

श्री चौहान ने कांक्लेव में शामिल प्रतिभागियों से कहा कि वे महाकाल मंदिर में दर्शन- पूजन के बाद महाकाल लोक अवश्य जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पब्लिक सर्विस डिलिवरी गारंटी एक्ट सबसे पहले मध्यप्रदेश ने बनाया, जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने पुरस्कृत किया है। सभी वर्गों के कल्याण की योजनाओं की राशि सीधे हितग्राही के बैंक खातों तक पहुंच रही है। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने में देरी होने की शिकायतों का समाधान सीएम हेल्पलाइन पर हो रहा है।

श्री चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया ने भारत के जीवन मूल्य, परम्पराएँ, महापुरुष और हमारे धर्म को इस तरह स्थापित किया है कि जो पहले प्रभु राम के अस्तित्व को नकारते थे, अब राम नाम की माला जप रहे हैं। माथे पर त्रिपुंड लगाकर महाकाल महाराज के चरणों में लेटे हुए हैं।

इस दौरान उन्होने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का संदर्भ देेते हुए कहा कि उनकी सरकार के समय सिमी का नेटवर्क मजबूत हो गया था, डकैतों का आतंक चरम पर था। मध्यप्रदेश में डकैतों के आतंक, सिमी के नेटवर्क और नक्सली गतिविधियों पर मौजूदा सरकार ने प्रभावी प्रहार किया है।

उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के कारण मध्यप्रदेश में सिंचाई की क्षमता 45 लाख हेक्टेयर हो गई है और अब सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर करने का है। मध्यप्रदेश के अन्न के भण्डार भरे हैं, इसमें नर्मदा की सबसे बड़ी कृपा है।

श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने आज से दो साल पहले नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में उन्होंने संकल्प लिया था कि पर्यावरण को बचाने के लिए वे प्रतिदिन पौधरोपण करेंगे। कोविड काल में भी ये संकल्प अविराम जारी रहा। पर्यावरण की रक्षा के लिए मध्यप्रदेश की धरती पर हरियाली महोत्सव और गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने जनजातीय नायकों के भव्य स्मारक बनाने का काम किया। बिरसा मुंडा, भीमा नायक, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह, शंकर शाह जैसे अनेक जनजातीय नायकों को यथोचित सम्मान देने का प्रयास किया।

गरिमा

वार्ता

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