नैनीताल/देहरादून 12 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश के सीमावर्ती राज्यों में पुलों के निर्माण एवं लोकार्पण को ऐतिहासिक पल बताया है और इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन पुलों का सामरिक दृष्टि के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिये भी विशेष महत्व है।
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ सीमा पर निर्मित सभी पुल सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन पुलों के निर्माण से कैलाश मानसरोवर पर जाने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को भी लाभ होगा। साथ ही इससे क्षेत्र की आर्थिकी पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आज क्षेत्र की जनता का सपना साकार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में कम समय में उच्च गुणवत्ता के पुलों का निर्माण करना सरकार की प्रतिबद्धता और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की कुशलता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों एवं कार्मिकों को इस कार्य के लिये बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से देश के सीमावर्ती सात राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में निर्मित 44 पुलों को आज राष्ट्र के नाम समर्पित किया। इनमें उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जनपद की चीन सीमा पर बनाये गये आठ पुल भी शामिल हैं। इन पुलों का स्पान 390 मीटर है और ये आठों पुल पिथौरागढ़-जौलजीबी-मुनस्यारी और पिथौरागढ़-जौलजीबी-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं।
इन पुलों में कुलनागाढ़, तुलागाढ़, डुंगतोली, दोबाट-1, इलागाढ़, सीराल, स्यालधार एवं चरीगाढ़ शामिल हैं। इन पुलों का स्पान कुल 390 मीटर है। इनमें डुंगतोली, दोबाट एवं इलागाड पुल ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित हैं और इनके निर्माण से ओन वाले समय में कैलाश यात्रा आसान हो जायेगी। साथ ही हमारे जवान सीमा पर आसानी से पहुंच बना सकेंगे।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता