StatesPosted at: Aug 19 2017 6:03PM जीएसटी लागू करने का असर पांच सालों में देखेगा विश्व - शाह
भोपाल, 19 अगस्त (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने जैसे अभूतपूर्व कदम के असर आगामी पांच वर्षोँ में दिखायी देंगे। श्री शाह ने कल देर शाम यहां प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करना मौलिक सुधार है और आगामी पांच सालों में पूरा विश्व इसका असर देखेगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह नोटबंदी भी मौलिक सुधार की श्रेणी में है और इससे भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनाव जीतने के लिए राजनीति में नहीं आयी है। वह देश सेवा के लिए काम कर रही है और तीन वर्षों के शासनकाल में यह उसने दिखा दिया है। श्री शाह ने उनकी भोपाल की कल से प्रारंभ हुयी तीन दिवसीय यात्रा के मद्देनजर मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह की ओर से उठाए गए कुछ प्रश्नों का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि श्री सिंह ने पत्र के माध्यम से जानना चाहा है कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के विकास के लिए क्या किया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वे बताना चाहते हैं कि तीन साल में केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश की जनता के कल्याण के लिए पांच लाख करोड रूपयों की धनराशि दी है। ऐसा करने से विकास के कार्य हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने श्री सिंह से जानना चाहा है कि केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने वर्षों सत्ता में रहकर मध्यप्रदेश के लिए क्या किया है। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार श्री शाह ने आकडों के माध्यम से मध्यप्रदेश में दी गयी धनराशि के अलावा केंद्र की मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया। श्री शाह ने दावा किया है कि वर्ष 2018 तक देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचा देने के लिए भी तेजी से काम चल रहा है। श्री शाह अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर कल यहां पहुंचे थे और दिन भर विभिन्न संगठनात्मक बैठकें लेते रहें। इन बैठकों से मीडिया को अलग रखा गया है। वे प्रदेश मुख्यालय पर ही ठहरे हैं और बैठकों का दौर आज सुबह फिर प्रारंभ हो गया। वे कल शाम तक विभिन्न बैठकों को संबोधित करेंगे और रात्रि में यहां से रवाना हो जाएंगे। ये बैठकें भाजपा संगठन को और मजबूत बनाने के लिए आयोजित की जा रही हैं। प्रशांत वार्ता