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क्वारंटीन केन्द्रों को सुधारने के लिये पंचायतों को धन दे सरकार : न्यायालय

नैनीताल, 02 जून (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सरकार को निर्देश दिये हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये क्वारंटीन केन्द्रों की दशा को सुधारने के लिये ग्राम पंचायतों को पर्याप्त मात्रा में फंड मुहैया कराये।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की युगलपीठ में सचिदानंद डबराल, अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, अधिवक्ता डीके जोशी व रामस्वरूप की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर एक साथ ऑनलाइन सुनवाई हुई। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि अदालत ने क्वारंटीन केन्द्रों की बदहाली के मुद्दे को गंभीरता से लिया और सरकार को फटकार भी लगायी। इससे पहले जिला विधिक सेवा प्राधिकारण की ओर से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये क्वारंटीन केन्द्रों की हालत व दशा को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश की गयी।
श्री मैनाली ने बताया कि रिपोर्ट में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये क्वारंटीन केन्द्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। साफ-सफाई व खाने पीने की व्यवस्था नहीं है। श्री मैनाली ने बताया कि इसके बाद अदालत ने चार मई 2020 को जारी शासनादेश के अनुपालन में सरकार को निर्देश दिये हैं कि ग्राम पंचायतों को पर्याप्त मात्रा में धन मुहैया कराये। अदालत ने यह भी निर्देश दिये कि जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों का चयन नहीं हो पाया उन ग्राम पंचायतों में जिलाधिकारी अन्य माध्यमों से व्यवस्था दुरुस्त करेंगे। धन जिलाधिकारियों के माध्यम से आवंटित किया जायेगा। अदालत ने इस मामले की प्रगति रिपोर्ट भी अदालत में पेश करने के निर्देश दिये हैं।
अदालत ने प्राधिकरण की ओर से पेश की गयी रिपोर्ट को प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव को प्रेषित करने के निर्देश दिये और स्वास्थ्य सचिव को निर्देशित किया कि रिपोर्ट में उठाये गये बिन्दुओं का अविलंब समाधान कर इसकी प्रगति रिपोर्ट अगली तिथि तक अदालत में पेश करें।
श्री मैनाली ने यह भी बताया कि सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रदेश में 11,000 रेपिड टेस्ट किटों का वितरण किया गया है। 2100 टेस्ट किट से लिये गये नमूनों के परिणाम आ चुके हैं। शेष नमूनों के परिणाम अभी नहीं आ पाये हैं। इसके बाद अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि शपथ पत्र के माध्यम से रिपोर्ट 14 दिन के अंदर अदालत में पेश करें।
सरकार की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि प्रदेश में 604 क्वारंटीन केन्द्र बनाये गये हैं। होटलों को भी क्वारंटीन केन्द्रों में तब्दील किया गया है और सरकार एक कमरे का खर्च 950 रूपये अदा कर रही है। इच्छुक व्यक्ति अपने खर्च पर अधिक सुविधायुक्त कमरा ले सकता है। अदालत ने सरकार को निर्देश दिये कि लोगों को इसके लिये बाध्य नहीं किया जाये।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी में क्वारंटीन केन्द्रों की बदहाली व अन्य समस्याओं को लेकर उच्च न्यायालय में चार अलग-अलग याचिकायें दायर की गयी हैं। सभी याचिकाओं पर एक साथ ऑनलाइन सुनवाई हुई। रवीन्द्र, रवि वार्ता
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