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पन्ना की लकवाग्रस्त बाघिन पी- 234 का भोपाल में चल रहा इलाज

पन्ना, 10 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-234 के अचानक लकवाग्रस्त हो जाने के बाद उसका इलाज राजधानी भोपाल स्थित वन विहार में किया जा रहा है।
मां की गैरमौजूदगी में उसके नन्हे शावकों की देखरेख के लिए पार्क प्रबंधन ने वन कर्मचारियों को तैनात किया है, जो शावकों की निगरानी कर रहे हैं। बाघिन पी- 234 बीते माह 29 मई को अपने दो नन्हे शावकों के साथ अकोला बफ़र क्षेत्र में अठखेलियां करते हुए देखी गई थी। इसके बाद अकोला बफ़र क्षेत्र में भ्रमण के दौरान पर्यटकों ने बीते रोज दोनों पैरों को घसीट कर चलती हुई बाघिन पी-234 को देखा तो उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाल दिया। इसके बाद जानकारी मिलते ही पार्क प्रबंधन सक्रिय हुआ तथा बाघिन का प्राथमिक उपचार करने के साथ उसे ट्रेंकुलाइज कर इलाज के लिए भोपाल भिजवाया गया।
पन्ना टाइगर रिज़र्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार की रात में ही बाघिन वन विहार भोपाल पहुँच गई है। चिकित्सकों की टीम द्वारा बाघिन का इलाज किया जा रहा है। डॉ. गुप्ता भी बाघिन के साथ भोपाल में उसकी हालत पर निगरानी रखे हुए हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर का आकर्षण बाघिन पी-234 तथा उसका कुनबा है। पन्ना टाइगर रिजर्व की संस्थापक बाघिन टी-2, जिसे मार्च 2009 में कान्हा से पन्ना लाया गया था, इस बाघिन ने जुलाई 2013 में चार शावकों को जन्म दिया था। इन्हीं शावकों में से एक बाघिन पी-234 है, जिसके कुनबे ने अकोला बफर को गुलजार किया हुआ है। इस बाघिन ने नर बाघ टी-7 के साथ मिलकर अपने कुनबे को बढ़ाया है।
सं गरिमा
वार्ता
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