राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Feb 28 2020 11:14PM फर्जी डॉक्टर के इलाज से मासूम की आंख गईखरगोन 28 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के अंतर्गत भगवानपुरा निवासी एक व्यक्ति के 8 माह के बच्चे का फर्जी डॉक्टर द्वारा इलाज करने के चलते एक आंख खराब होने और पूरे शरीर में तकलीफ हो जाने के उपरांत पुलिस के कथित दुर्व्यवहार को लेकर जांच आरंभ कर दी गई है।डीएसपी यशपाल सिंह ठाकुर ने पुलिस अधीक्षक के नाम आज सायं दिए गए शिकायत आवेदन के तारतम्य में बताया कि भगवानपुरा पुलिस द्वारा कथित दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत को लेकर आज दिए गए आवेदन पर जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा फर्जी डॉक्टर के विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश आरंभ कर दी गई है।खरगोन जिले के भगवानपुरा थाना क्षेत्र के पलासकूट निवासी सुरेश ने बताया कि 19 दिसंबर को उसके साढ़े 5 माह के पुत्र अविनाश को बुखार आने पर उसने भगवानपुरा के दीपेंद्र नाथ विश्वास को दिखाया था। उसने बच्चे को इंजेक्शन लगा दिया जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी । बच्चे की एक आंख खराब होने के अलावा पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया। उसे खरगोन के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद जिला अस्पताल भर्ती कराया गया जहां से इंदौर स्थित एमवाई अस्पताल में उपचार कराया गया ।इस बीच भगवानपुरा में पंचायत बैठी जिसमें फर्जी डॉक्टर को निर्देशित किया गया कि वह सुरेश को 60 हजार रुपये नगद तथा 180000 रुपये का चेक प्रदान करे। इंदौर में उसे बताया गया कि उसके बच्चे की एक आंख खराब हो चुकी है और भविष्य में उसे सुनाई भी नहीं देगा। इसके चलते वह भगवानपुरा थाने पर शिकायत करने आया तो उसे भगा दिया गया। उसकी पत्नी ने जब शिकायत की तो सुरेश को पीटा गया। सुरेश ने आज खरगोन के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आकर शिकायत की।खरगोन की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रजनी डाबर ने बताया कि बच्चे की त्वचा और आंख में दिक्कत आई है और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर परीक्षण किया जाएगा कि दरअसल यह दिक्कत क्यों हुई है। उन्होंने बताया कि बच्चे को समस्त शासकीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवानपुरा के विकास खंड चिकित्सा अधिकारी से जांच प्रतिवेदन भी मांगा जा रहा है।खरगोन के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे ने बताया कि पुलिस में आवेदन दिए जाने के उपरांत जब प्राथमिकी लिख ली गई तब सुरेश समझौते के लिये वहां से चले गया जब पुलिस वाले उसे प्राथमिकी पर दस्तखत कराने के लिए बुलाने गए तब वह आने में आनाकानी करने लगा था। उन्होंने कहा कि प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक विवेचना आरंभ कर दी गई है।सं नागवार्ता