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मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद निर्णय दो अंतिम भोपाल

मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्र-संस्करण योजना लागू करने का निर्णय लिया है। योजना के प्रथम घटक में औद्योगिक क्षेत्रों में तथा द्वितीय घटक में राजस्व भूमि पर उद्यानिकी क्लस्टर की स्थापना और विभाग द्वारा चयनित भूमि का विकास उद्योग विभाग अथवा अन्य किसी योग्य शासकीय संस्था के माध्यम से कराया जाएगा। अन्य आवश्यक ऑपरेशनल बिन्दुओं पर निर्णय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा।
मंत्रि-परिषद ने 'मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना' की अवधि मार्च 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया। इस अवधि में कुल दो लाख सोलर पम्पों की स्थापना की जाएगी। इस योजना में राज्य के सभी कृषक पात्र हैं। यह योजना प्राथमिकता पर प्रदेश के उन दूर-दराज के क्षेत्रों में क्रियान्वित की जाएगी, जहाँ विद्युत कंपनियों द्वारा विद्युत अधोसंरचना का विकास नहीं किया जा सका है।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में जिला स्तर पर ई-गवर्नेन्स परियोजनाओं के सुचारू संचालन के लिये प्रदेश की जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के अंतर्गत जिला स्तर पर जिला ई-गवर्नेंस मैनेजर, लेखापाल और कार्यालय सहायक के 51-51 पद तथा तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर असिस्टेंट ई-गवर्नेंस मैनेजर के 395 पद, इस प्रकार कुल 548 स्वीकृत पदों को परियोजना के जारी रहने तक संविदा आधार पर निरंतर जारी रखे जाने का निर्णय लिया है।
मंत्रि-परिषद ने वाटर स्पोर्टस नोड की स्थापना के लिए रक्षा विभाग, भारत सरकार के पक्ष में ग्राम कोहेफिजा तहसील हुजूर जिला भोपाल में 0.607 हेक्टेयर शासकीय भूमि का आवंटन किये जाने का निर्णय लिया। वाटर स्पोर्टस नोड में प्रदेश के बच्चों को भर्ती कर उन्हें स्पोर्टस में पारंगत भी किया जाएगा।
मंत्रि-परिषद ने शिशु मंदिर, ग्वालियर सोसायटी को एएमआई शिशु मंदिर ग्वालियर के संचालन के लिए ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में स्थित भूमि कुल रकबा 13700 वर्ग मीटर आवंटित किये जाने का निर्णय लिया। साथ ही, श्री सत्य साईं मेडिकल एण्ड हेल्थ केयर ट्रस्ट को बच्चों के हृदय रोग संबंधित अस्पताल खोलने के लिए ग्राम बांगइदा तहसील मल्हारगंज जिला इन्दौर में 2.2 हेक्टेयर भूमि आवंटित किये जाने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, गुना जिले की कृषक सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नारायणपुरा (राघोगढ़) को गन्ना उत्पादक कृषकों और कर्मचारियों के लम्बित भुगतान के लिए 13.81 करोड़ रूपये ऋण के रूप में उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि अतिथि विद्वानों को वर्तमान में रिक्त और भविष्य में स्वीकृत होने वाले पदों के विरूद्ध पुन: कार्य पर रखने के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नीति निर्धारित की जाए। वर्ष 2022 तक की चयन प्रक्रियाओं में अतिथि विद्वानों को वरीयता अंक और आयु सीमा में छूट के लिए मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम 1990 में आवश्यक संशोधन किये जाएंगे।
नाग
वार्ता
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