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स्कूल शिक्षा विभाग की अनुदान मांगें पारित

भोपाल, 20 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने विधानसभा में आज देर शाम विभागीय बजट की अनुदान माँगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिये हमारी सरकार कृत-संकल्पित है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के एक लाख 20 हजार स्कूलों में पहली बार पालक-शिक्षक मीटिंग फरवरी माह में आयोजित की गई और आगे प्रत्येक तिमाही में नियमित रूप से किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। स्कूल शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिये सरकार यथासंभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिये स्कूल शिक्षा के लिये 24499 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2775 करोड़ रूपये अधिक है। बजट राशि में 12.77 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस राशि से प्रदेश के 1.60 लाख स्कूल एवं लगभग 1.63 करोड़ विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर बढ़ेगा।
श्री चौधरी ने कहा कि भोपाल में 10 करोड़ की लागत से आधुनिक तकनीक से सुसज्जित एवं बहुउद्देशीय राज्य पुस्तकालय की स्थापना की जायेगी। जहाँ एक हजार बच्चे एक साथ पढ़ सकेंगे। इस लायब्रेरी में एक लाख पुस्तकों का संग्रह होगा। इसी के साथ पूरे प्रदेश के स्कूलों में लायब्रेरी स्थापित की जायेंगी।
उन्होंने बताया कि 142 हाईस्कूलों एवं 582 हायर सेकेण्डरी शालाओं में नवीन भवन के निर्माण हेतु 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं 100 हाईस्कूल एवं 100 हायर सेकेण्डरी शालाओं का उन्नयन किया जायेगा। बजट में नि:शुल्क पाठ्य सामग्री प्रदाय योजना के अंतर्गत 112.55 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। श्री चौधरी ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर 129 स्कूलों में बाउण्ड्रीवाल का निर्माण किया जायेगा। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के अधोसंरचना विकास के लिये 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 529 हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में फर्नीचर एवं प्रयोगशाला सामग्री के लिये 17.58 करोड़ का प्रावधान किया गया है। माध्यमिक शालाओं में फर्नीचर के लिये 10 करोड़ का प्राधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान एवं शिक्षक शिक्षा अभियान के लिये 4713.72 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नि:शुल्क सायकल प्रदाय योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को 175.13 करोड़ का प्रावधान किया गया। निजी विद्यालयों में फीस तथा अन्य विषयों के विनियमन के लिये अधिनियम बनाने की तैयारी की जा रही है।
शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों को टयूशन फीस प्रतिपूर्ति हेतु 300.11 करोड़ का बजट रखा गया है।
मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विभाग की 24499 करोड़ रूपये की अनुदान माँगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
प्रशांत
वार्ता
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