जयपुर, 09 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान में करौली जिले के सपाेटरा में एक पुजारी की हत्या से गरमाई राजनीति के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज दोषियों के खिलाफ कड़ी काररवाई करने के निर्देश दिये।
करौली जिले के सपोटरा के पास बूकना गांव में मंदिर की भूमि विवाद को लेकर बुधवार को पुजारी की पैट्रोल डालकर आग लगाकर हत्या करने के मामले की जांच के लिये भारतीय जनता पार्टी ने सांसद रामचरण बोरा, राष्ट्रीय सचिव अलका गूजर और भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व महामंत्री जितेंद्र मीणा की एक समिति गठित की है, जो जांच करके रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनियां को देगी।
भाजपा नेताओं ने इसे गंभीर घटना बताते हुए राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं। मृतक बाबूलाल वैष्णव का शव आज शाम उसके गांव पहुंच गया, लेकिन सूर्यास्त होने के कारण उनकी अंत्येष्ट नहीं हो सकी। गांव में ऐहतियातन काफी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने ट्विट किया, ‘सपोटरा, करौली में बाबूलाल जी की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है। राज्य सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है। घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं कार्रवाई जारी है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’
करौली जिले के सापोटरा के बूकना गांव में बुधवार को एक मंदिर की भूमि पर कब्जा कर रह रहे पांच आरोपियों को पुजारी बाबू लाल वैष्णव ने रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने उस पर पेट्रोल डालकर कर आग लगा दी। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गये। उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। वहां से उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल भेजा गया जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गयी।
उधर करौली के पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करके मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘राज्य में सभी तरह के अपराधों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सपोटरा में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने की घटना से स्पष्ट है कि अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है। जनता भयभीत और सहमी हुई है।’उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अब गहरी नींद त्यागते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाकर परिवार को तुरंत न्याय दिलाना चाहिए।'
उधर सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने बताया कि मृतक के परिजन शव नहीं ले रहे थे। बाद में महासभा ने पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह यादव से बातचीत की जिसके बाद पांच बिंदुओं पर सहमति बनी है। इनमें थानाधिकारी को तुरंत प्रभाव से हटाकर 24 घंटे में उसके खिलाफ काररवाई करने, मामले की जांच दूसरे सर्किल के पुलिस उप अधीक्षक के अधिकारी से करवाने, परिजनों की सुरक्षा की व्यवस्था करने, परिजनों को आर्थिक मुआवजा देने के साथ ही परिजनों में से किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने पर सहमति हो गयी है। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिये शव लेकर गांव रवाना हो गये।
पारीक सुनील
वार्ता