चंडीगढ़ ,12 जुलाई (वार्ता)पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में दस करोड़ तक के निवेश वाले प्रोजेक्टों को स्वतंत्र तौर पर मंजूरी देने के लिये उपायुक्तों को अधिकार दिये जाने के निर्देश जारी किये हैं।
इससे आनलाइन मंजूरी की प्रक्रिया को सरल बनाकर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाये हैं ।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रोग्रामों और प्रोजैक्टों की प्रगति का जायज़ा लेने के लिए उपायुक्तों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें प्रणाली को लोकपक्षीय बनाने के लिए रूपरेखा तैयार की। बैठक में जेलों की सुरक्षा, नशों, जल प्रबंधन, शिक्षा और गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के समारोहों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेश पर संतोष जताया क्योंकि अब तक 50 हज़ार करोड़ तक के प्रोजैक्ट पहले ही ज़मीनी स्तर पर आ गए हैं।
कैप्टन सिंह ने नशा मुक्त होने वाले गाँवों और नशों में फंसे लोगों को इलाज और उनके पुनर्वास के लिए मिलकर काम करने वालों के लिए लाभ देने का ऐलान किया। नशों की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने तस्करों पर मुकदमा चलाने की प्रक्रिया पर ज़ोर दिया ताकि नशा तस्करों को आसानी से ज़मानत न मिल सके ।
उन्होंने नशा तस्करों पर कानून का शिकंजा कसने के लिए जि़ला पुलिस को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में अकेली एस.टी.एफ. नहीं निपट सकती ,इसलिये इस संघर्ष में सभी को मिलकर अपना योगदान देना चाहिये ।
जेलों की सुरक्षा को लेकर कैप्टन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार दिल्ली की तिहाड़ जेल की तर्ज पर दक्षिणी राज्यों से सुरक्षा बटालियन हासिल करने पर विचार कर रही है जिससे सुरक्षा कर्मी और कैदियों तथा उनके परिवारों के बीच भाषाई अड़चनें दूर की जा सकें। उन्होंने कहा कि इससे सुरक्षा कर्मियों के कैदियों के समीप आने की गुंजाइश कम होगी ।
उन्होंने जेलों की नियमित आधार पर निजी जांच के उपायुक्तों को निर्देश दिए जिससे कैदियों के कल्याण को यकीनी बनाया जा सके। कैदियों के कल्याण की महत्ता पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलें कोई बूचडख़ाने नहीं हैं जहाँ कैदियों को डालकर भुला दिया जाये। कैदियों को शारीरिक प्रशिक्षण समेत व्यस्त रखने के ढंग ढूँढना बहुत महत्वपूर्ण है।
राज्य में पानी की गंभीर स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने पानी की बर्बादी रोकने और जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भी उपायुक्तों को कहा ताकि वे अपने-अपने जिले में जल संरक्षण तथा बारिश के पानी के संरक्षण की योजना तैयार कर सकें । उन्होंने इन कामों में अंतर-विभागीय तालमेल की जरूरत पर बल दिया ।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को बारिश के पानी की स्टोरेज के लिए गाँवों के छप्पड़ों की सफ़ाई पर नियमित निगरानी रखने के लिए कहा। उन्होंने पानी के कम इस्तेमाल वाली फसलों और फ़सली तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की बात कही ।