चंडीगढ़, 06 अगस्त(वार्ता) हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि राज्य में नर्सों की मांग पूरी करने के लिये सरकार की राज्य के सभी 22 जिलों में एक-एक नर्सिंग कॉलेज खोलने की योजना है तथा इस सम्बंध में अभी तक छह जिलों में नर्सिंग कॉलेज खोलने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 22 जिलों में डायलिसिस सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस समय प्रदेश के 14 जिलों में मरीजों को यह सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारी, बीपीएल, सड़क दुर्घटनाग्रस्त, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अनुसूचित जाति, शहरी स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों सहित अन्य श्रेणियों के मरीजों को यह सुविधा निशुल्क प्रदान की जाती है।
स्वास्थय मंत्री के अनुसार झज्जर के नागरिक अस्पताल का डायलिसिस सैंटर भी इस माह के अंत तक शुरू होने की सम्भावना है। जिले के मातनहेल में 50 बिस्तरों के अस्पताल बनाने का प्रस्ताव भी विचारणीय है। उन्होंने कहा कि देश में चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने एक लाख चिकित्सक तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इससे हरियाणा को भी लाभ मिलेगा।
श्री विज ने बताया कि गत पांच वर्षों के दौरान हरियाणा में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है जिसके चलते केंद्र सरकार ने राज्य को देश में सबसे तेज गति से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने वाले पहले प्रदेश के खिताब से नवाजा है। राज्य में पहली बार स्वास्थ्य सेवाओं के आंकड़ों में भारी सुधार हुआ है। इसके तहत वर्ष 2014 में हरियाणा की शिशु मृत्यु दर 41 से घटकर 30 और मातृ मृत्यु दर 127 से घटकर 101 रह गई है। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो यह साबित करता है कि लोगों का सरकारी अस्तपालों के प्रति विश्वास बढ़ा है।
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खेल विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक ढंग से खिलाड़ी और कोच तैयार होंगे: विज
चंडीगढ़, 06 अगस्त(वार्ता) हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि सोनीपत के राई में बनाए गए खेल विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक ढंग से खिलाड़ी तथा कोच तैयार किए जाएंगे। खेलों से सम्बंधित देश में यह अपनी तरह का पहला ‘सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ होगा। इस विश्वविद्यालय के निर्माण को हरी झंडी दे दी गई है जिसकी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में खेल प्रबन्धन तथा खेल विशेषज्ञता पर विशेष तौर पर बल दिया जाएगा जिससे भविष्य में खेल विशेषज्ञों को विदेशों से बुलाने की आवश्यकता नही होगी। इस विश्वविद्यालय में अम्पायर एवं प्रशिक्षक भी तैयार किए जाएंगे। प्रस्तावित विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के अनुरूप खेल चिकित्सा, खेल आहार, खेल विज्ञान तथा खेल आचरण पर विशेष बल दिया जाएगा ताकि खिलाड़ियों को विदेशों जाने की जरूरत न पड़े।