अमृतसर, 27 नवंबर (वार्ता) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की आम सभा में बुधवार को विभिन्न प्रस्ताव रखे गए जिनमें पंजाबी मातृभाषा का सम्मान, करतारपुर साहब गलियारा और 550वें प्रकाश पर्व के लिए धन्यवाद प्रस्ताव, सिखों की काली सूची खत्म करना मुख्य रूप से शामिल हैं।
राज्य की मातृभाषा सम्बन्धित पारित किये गए एक प्रस्ताव में पंजाब और चण्डीगढ़ में पंजाबी भाषा के साथ हो रहे भेदभाव का ज़िक्र करते हुए इस भाषा को सम्मानजनक रुतबा देने की माँग की गई। प्रस्ताव में 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से प्रमुख सदस्यों को सम्मानित करने के लिए पंजाबी मातृभाषा की बजाए अंग्रेज़ी में सम्मान पत्र देने की निंदा की गई और मांग की गई कि राज्य सरकार के सभी सरकारी कार्यालयों में पंजाबी भाषा में कामकाज किया जाए। प्रस्ताव द्वारा केन्द्र सरकार से मांग की गई कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली सहित अन्य पंजाबी जनसंख्या वाले राज्यों में पंजाबी भाषा को सम्मान दिलाने के लिए प्रयास किए जाएं।
गुरुद्वारा करतारपुर साहब पाकिस्तान के लिए बनाए गए गलियारा के लिए भारत और पाकिस्तान की सरकारों का धन्यवाद प्रस्ताव भी पास किया गया। प्रस्ताव में अकाली नेता स्वर्गीय कुलदीप सिंह वडाला के यतनों की प्रशंसा करते हुए करतारपुर साहब के दर्शनों के लिए जाने वाली संगत के लिए प्रक्रिया सरल बनाने की भी अपील की गई।
सभा दौरान एक संकल्प श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए सहयोग देने वालों का धन्यवाद किया गया। संकल्प द्वारा 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर केन्द्र सरकार की ओर से डाक टिकटें और सिक्के जारी करने के लिए धन्यवाद किया गया। इसके अलावा एक अन्य संकल्प द्वारा देश की अलग-अलग जेलों में लंबे समय से नज़रबंद सिखों की रिहाई के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से किये गए फ़ैसले का धन्यवाद किया गया। इसके साथ ही शेष नज़रबंद सिख कैदियों की रिहाई की मांग की गई।
एक अन्य प्रस्ताव द्वारा 1984 की सिख कत्लेआम की सख़्त शब्दों में निंदा की गई तथा सभी दोषियों को सजा दिलाने की मांग की गई। इस बोर्ड के प्रमुख शिरोमणि समिति के प्रधान होंगे। सलाहकार बोर्ड की एक साल में कम से कम 2 सभाएं की जाएंगी।
सं ठाकुर, उप्रेती
वार्ता