<p>अमृतसर 30 नवंबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने अमृतसर-फ़िरोज़पुर रेलवे लिंक परियोजना पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा पंजाब सरकार कि नाकामी के चलते इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता रहा है।<br /> श्री मलिक ने शनिवार को यहां कहा कि इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने तीन साल पहले ही 300 करोड़ रुपये का फंड जारी कर दिया था, जिसमें 40 करोड़ रुपये का हिस्सा पंजाब सरकार ने डालना था। लेकिन पंजाब सरकार कंगाल हो चुकी है जिसके चलते इस परियोजना को ठन्डे बसते में डाल दिया गया और अभी तक उसका काम पूरा नहीं हुआ है। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। <br /> उन्होंने कहा कि अमृतसर-फिरोजपुर लिंक जुड़ने से सेना को भी बहुत बल मिलेगा, क्योंकि यह रूट बॉर्डर बैल्ट के साथ होने के कारण हमेशा ही तनाव में रहता है और इस रूट के शुरू होने से सेना को तथा उनके सामान की आवाजाही में बहुत आसानी होगी। उन्होने कहा कि इस रेल लिंक प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 299 करोड़ की राशि को तीन साल पहले ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने सिर्फ अख़बारों में ही इस पर कार्य किया हकीकत में कुछ नहीं।<br /> श्री मलिक ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी इस प्रोजेक्ट को अहमियत देते हुए भूमि अधिग्रहण प्रारम्भ किया था और फ़िरोज़पुर एवं तरनतारन के डी.सी. ने आवश्यक जमीन के लिए इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन बहुत दुःख की बात है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एवं वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा के हिस्से की मात्र 40 करोड़ रूपए की राशि नहीं दी गई और यह प्रोजेक्ट करीब तीन साल से अटका रहा । उन्होने बताया की अमृतसर-फ़िरोज़पुर रेलवे मार्ग आजादी के पहले से चल रहा था लेकिन आजादी के बाद बंद हो गया। इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने के बाद अमृतसर से मुम्बई तक एक नया रेल रूट मिल जाएगा और पंजाब, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल, गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान को जोड़ देगा।<br /> श्री मलिक ने कहा कि आज अमृतसर से मुंबई तक केवल एक रूट है जो कि जालंधर, लुधियाना, अम्बाला से होकर गुजरता है। जब भी कभी आंदोलन हुए या कोई रेल दुर्घटना हो जाए तो उत्तर भारत के तीन मुख्य राज्यों पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश का देश के बाकी राज्यों से संपर्क टूट जाता है और यह रूट अधिक व्यस्त होने के कारण इस रूट पर यात्रियों के सुविधा के लिए कोई नई गाड़ी नहीं मिलती।<br /> सं.ठाकुर.संजय<br /> वार्ता</p>