राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Dec 22 2020 8:02PM डबवाली अग्निकांड : श्रद्धांजलि की रस्मअदायगी का दिन बन कर रह गया है 23 दिसंबर
डबवाली, (सिरसा), 22 दिसंबर (वार्ता) हरियाणा के सिरसा जिले में डबवाली में 23 दिसंबर का दिन 25 साल पहलेे एक स्कूल के वार्षिक समारोह में पंडाल में लगी आग की दुर्घटना में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने औैर बर्बाद परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करनेे की रस्मअदायगी का दिन बन गया है।
यह आरोप फायर विक्टिम एसोसिएशन के सदस्य उमेश मित्तल ने लगाया। उन्होंने कहा कि दर्जन भर लोग ऐसे हैं जो रोजी-रोटी को तरस रहे हैं और सरकार कुछ नहीं करती। पीड़ितों को सरकारी सुविधाएं लेने के लिए बायोमेट्रिक और आई स्कैनर जैसी प्रक्रियाओं (उंगलियां बेकार हो जाने या चेहरे बिगड़ जाने के कारण) के लिए अक्षम होने के कारण 60 किलोमीटर का फासला तय कर सिरसा आना पड़ता है।
दुर्घटना में 442 लोग मारे गये थे और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे। दुर्घटना के पीड़ित कई लोग आज भी रोजी-रोटी के प्रयासों के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। दुर्घटना में कई परिवारों के इकलौते चिराग तक बुझ गए थे।
23 दिसंबर 1995 को डबवाली संगरिया मार्ग पर स्थित राजीव पैलेस में डी.ए.वी स्कूल का वार्षिक उत्सव समारोह मनाया जा रहा था। उसी दौरान पंडाल में शार्ट सर्किट हुआ और आग ने सबकुछ अपने आगोश में ले लिया। चंद सेकंडों में आग ने पूरे पंडाल को अपनी गिरफ्त में ले लिया। उस समय इस पंडाल में लगभग 1500 छात्र व अभिभावक मौजूद थे। इस अग्रिकांड में 442 लोगों की जान गई और 150 लोग बुरी तरह झुलस कर घायल हो गए। मरने वाले लोगों में सबसे अधिक बच्चे और विवाहित महिलाएं थी जिनकी संख्या क्रमश: 258 और 125 थी। पंडाल खचाखच भरे होने की वजह से मुख्य प्रवेश द्वारा पर ताला लटका दिया गया था। इस वजह से पंडाल में मौजूद लोगों को भागने के लिए जगह नहीं मिल पाई और आग लगने के छह मिनटों की अवधि में सबकुछ जलकर स्वाह हो गया था।
राजीव मैरेज पैलेस जहां अग्निकांड के बाद स्मारक स्थल बना दिया गया है, पर बुधवार को भी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
सं महेश विक्रम
वार्ता