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नवजोत सिद्धू मामला पंजाब पार्टी नेतृत्व अपने स्तर पर हल करे: आलाकमान

नवजोत सिद्धू मामला पंजाब पार्टी नेतृत्व अपने स्तर पर हल करे: आलाकमान

चंडीगढ़ ,29 सितंबर (वार्ता) श्री नवजोत सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अघ्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सियासी हलकों में हलचल मची हुई है लेकिन अब सिद्धू की इस पद से छुट्टी तय मानी जा रही है तथा आलाकमान का इस पद पर सांसद रवनीत बिट्टू या प्रदेश कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा के नाम पर मंथन जारी है तथा जल्द ही नये अध्यक्ष का ऐलान संभव है।

पंजाब कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व ने आलाकमान को सिद्धू के बारे में फीडबैक दे दिया है तथा अब नेतृत्व सिद्धू को ज्यादा बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है इसलिये कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी से इन्हें बदलने का आग्रह किया है । कुछ पार्टी नेताओं का तो यहां तक कहना है कि यदि श्री सिद्धू का पार्टी में इस पद पर बने रहना पार्टी हित में नहीं ।

उधर मंत्रिमंडल की आज आपात बैठक हुई जिसमें लोक कल्याण के हित में बिजली बिल को लेकर अहम फैसला लिया गया । इसके अलावा पार्टी में आये भूचाल पर भी चर्चा हुई लेकिन मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में श्री सिद्धू को लेकर केवल इतना ही कहा कि मैंने श्री सिद्धू से फोन पर बात की और मिल बैठकर मुद्दे हल करेंगे । उन्होंने दो सदस्यीय कमेटी भी गठित की है जो श्री सिद्धू से बात कर उन्हें अवगत करायेगी । कमेटी में श्री परगट सिंह तथा राजा अमरिंदर वडिंग शामिल हैं।

कुछ मंत्रियों ने पार्टी के हालात पर दुख जताते हुये कहा कि ऐसे मामलों को घर बैठकर परिवार में हल किया जाना चाहिये । चुनाव सिर पर हैं और लोग कांग्रेस को दोबारा सत्ता में लाना चाहते हैं लेकिन ऐसी बातों से पार्टी की छवि को ठेस पहुंचती है। पिछले दो माह में पार्टी में जो राजनीतिक घटनाक्रम चला ऐसा पहले शायद कभी नहीं हुआ ।

उधर ,सिद्धू ने आज एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि वह पंजाब तथा पंजाब के लोगों के मुद्दों की लड़ाई लड़ते रहेंगे चाहे उसके लिये पद तो क्या चीज है बड़ी से बड़ी कोई कुर्बानी क्यों न देनी पड़े । सिद्धांतों से समझौता कतई नहीं । जिन मुद्दों के लिये वो लड़ाई लड़ते आये हैं उन्हीं के साथ समझौता देख सहन नहीं होता । वह पंजाब के हर मसले का हल चाहते हैं और जनता के लिये काम करना चाहते हैं ।

सिद्धू ने कहा कि बेअदबी के मामलों में बादलों को क्लीन चिट दिलाने वालों की एजी के पद पर नियुक्त ,डीजीपी तथा ऐसे दागी मंत्रियों तथा अधिकारियों की इस सरकार में नियुक्ति की गई । ऐसे हालात में वह पंजाब की प्रगति से समझौता करने के बजाय लड़ेंगे और अड़ेंगे भी लेकिन आलाकमान को गुमराह नहीं करेंगे ।

उन्होंने कहा कि वह सच और हक की लड़ाई लड़ेंगे । नैतिकता से समझौता नहीं । मेरा धर्म मेरे गुरू के लिये । दोबारा वही सिस्टम लाकर खड़ा कर दिया जिसके खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे। दागियों को पहरेदार नहीं बनाया जा सकता ।

इसबीच मामले के हल के लिये दिल्ली से कांग्रेस के सह प्रभारी हरीश चौधरी यहां पहुंच चुके हैं तथा पार्टी मामलों के प्रभारी हरीश रावत के पहुंचने की संभावना है। पार्टी की ओर से इस मामले के हल के लिये कवायद रात से चल रही है। कुछ मंत्री तथा विधायक आज श्री सिद्धू के पटियाला स्थित मकान पर पहुंचे और उन्हें मनाने की कोशिश की गई ।

श्री सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनकी समर्थक तथा उनके राजनीतिक सलाहकार पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रजिया सुलताना ,कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ,महासचिव योगेन्द्र डींगरा ने अपने पदों से रात इस्तीफा दे दिया । उनके करीबी परगट सिंह के भी इस्तीफे की चर्चा जोरों पर रही । श्री परगट सिंह ने उम्मीद जताई कि श्री सिद्धू को जो कुछ शिकायतें हैं उन्हें हल कर लिया जायेगा । वो आज भी उन्हें मनाने की जुगत में लगे रहे ।

दिल्ली में बैठे पंजाब की सियासत पर पैनी नजरें गढ़ाये पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तो साफ कह चुके हैं कि सिद्धू ने इस्तीफा देकर उनकी बात को सच साबित कर दिखाया । वो वाकई सीमावर्ती पंजाब राज्य के लायक नहीं हैं क्योंकि पाकिस्तान से लंबा बार्डर पंजाब का लगता है और सीमा आर -पार के हालात से निपटना आसान नहीं । उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटवाकर यदि यही ड्रामा करना था तो पहले ही कर लेते । पार्टी की छवि को नुकसान ऐसे समय में पहुंचाया है जब पंजाब में चार माह के बाद चुनाव होने हैं।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब की राजनीति में पिछले कुछ समय से घटा घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण है। अफगानिस्तान के हालात से उपजा माहौल कश्मीर की स्थिति के अच्छा नहीं। पंजाब की अस्थिरता से पाकिस्तान को सबसे ज्यादा खुशी है क्योंकि वो आतंकी घटनाओं काे अंजाम दिलाने की ताक में रहता है।

कांग्रेस की प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि सिद्धू को सियासी मामलों की जानकारी नहीं और न गंभीरता । राजनीति जैसा विषय उनकी समझ से परे है इसलिये वो मुंबई कपिल शो में लौट जायें ।

ऐसा लगता है कि अब पंजाब कांग्रेस अब श्री सिद्धू को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है तथा और उनसे पिंड छुड़ाना चाहती है । अधिकांश मंत्री तथा विधायक अब अपने काम पर फोकस करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लोगों के बीच जाना होगा तथा जनता के सवालोें की बौछारों का सामना करना होगा । 2022 के विधानसभा चुनाव अगले साल के शुरू में होने हैं ।

शर्मा

वार्ता

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