राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: May 28 2023 9:00PM हिमाचल में साइबर क्राइम बढ़े, पांच महीनों में 14 हजार शिकायतेंशिमला 28 मई (वार्ता) हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ रही हैं। साइबर अपराधी नए हथकंडे अपनाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। इस साल जनवरी से मई तक के पांच महीनों में सीआईडी के साइबर क्राइम विंग के टोल फ्री नंबर पर 14304 शिकायतें मिली हैं। साइबर क्राइम शिमला के एएसपी भुपेंद्र नेगी ने बताया कि साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों का निवारण साइबर क्राइम के तीन थानों शिमला, मंडी व कांगड़ा द्वारा किया जा रहा है। साइबर अपराधी छात्रों समेत हर आयु के लोगों को नए लुभावने तरीकों से अपने जाल में फंसा कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।उन्होंने बताया कि ऐसे शातिर अपराधियों द्वारा लोगों को उनके मोबाइल पर क्यूआर कोड या लिंक बनाकर भेजा जाता है, जिसे स्कैन करने पर या लिंक पर क्लिक करने पर लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा साइबर अपराधी ऐसी मोबाइल एप्लीकेशन बना रहे हैं जो कि लोन देने व पैसों का निवेश करने के लिए लुभावने ऑफर देते हैं। लोग इसके झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं।भुपेंद्र नेगी ने बताया कि इसके अलावा आज के दौर में साइबर अपराधी लोगों के वाट्सएप नंबर पर विदेश से भेजे गए पार्सल के बारे में मैसेज भेजते हैं, जिसके अंदर विभिन्न तरह की वस्तुएं होने का जिक्र किया जाता है। जो इस उपहार वाले कथित पार्सल के झांसे में आ जाते हैं, उन्हें यह बताया जाता है कि इस पार्सल के अंदर विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थ हैं और यह अपराध की श्रेणी में आता है।लिहाजा मादक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी पीड़ित को दूसरे राज्यों के पुलिस व कस्टम अधिकारी बनकर गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं। मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे की मांग करते हैं। भुपेंद्र नेगी ने बताया कि इस तरह के साइबर अपराध का प्रचलन अकसर देखा जा रहा है। जनता को इससे सावधान रहने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी दूर के राज्यों से अपराध को अंजाम देते हैं। इनका मकसद सिर्फ पैसे ऐंठने होता है। ये साइबर अपराधी किसी भी समय दिन या रात को अनजान लिंक भेजकर या वीडियो कॉल कर लोगों को जाल में फंसाते हैं, जिससे आसानी से छात्र, पुरूष व महिलाएं लोक लाज के डर से इनको पैसा भेज देते हैं। पैसे भेजने से पहले अपने किसी भी परिचित व पुलिस से संपर्क नहीं करते और ठगी का शिकार होने के बाद देरी से अपनी शिकायत दर्ज करवाते हैं।सं.संजयवार्ता