जांलधर 16 नवंबर (वार्ता) भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता शिवम छाबड़ा ने राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे पर कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के आरोपों को पूरा झूठ करार दिया है।
श्री छाबड़ा ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस देश की जनता को सिर्फ भ्रमित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि श्री गांधी स्पष्ट करें कि कांग्रेस एवं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के संजय भंडारी के साथ क्या संबंध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) शासनकाल में श्री वाड्रा के मित्र और प्रमुख हथियार व्यापारी संजय भंडारी राफेल विमान की खरीद-फरोख्त में डसाल्ट के साथ डील करना चाहता था। उन्होंने कहा कि संजय भंडारी की कंपनी का कारोबार साल 2008 में एक लाख से बढ़कर 2013 में एक हजार करोड़ रुपये हो गया। इसका जवाब श्री गांधी को देना पड़ेगा।
श्री छाबड़ा ने आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान एक दशक से भी ज्यादा समय तक इस सौदे में देरी की गयी। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने 36 राफेल विमानों को, 2007 की एल 1 बोली में दसॉल्ट के व्यक्त किए गए दाम से बेहतर दाम पर खरीदा है। संप्रग की सरकार ने इस डील में करीब एक दशक की देरी की जिसका सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ा।
उन्होंने कहा कि सभी विमान पूर्ण रूप से हथियारों से लैस हैं। राफेल का समझौता पूरी तरह से दो सरकारों के बीच का है, ये कोई अनुबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई भी प्राइवेट पार्टी का हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि 2015 से 2016 के बीच सौदे पर कई चरणों में बातचीत हुई और 2016 में इस डील पर अंतिम मुहर लगाई गयी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में उतार-चढ़ाव के चलते डील की कीमत में बदलाव हुआ। इस तरह राफेल की कीमत मूल दाम से नौ फीसदी कम हुई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अप्रैल में और फिर कर्नाटक में प्रत्येक विमान की कीमत 700 करोड़ रुपये बताई फिर संसद में 520 करोड़ कर दी, रायपुर में बढ़ा कर 540 करोड़ बताया गया।
इस मौके पर पंकज जुल्का, यजीत हुरिया, रोहित वत्स, अमित भाटिया, हरजिंदर बाबू, राहुल चोपड़ा, चंदन भनोट आदि मौजूद थे।